झारखण्ड के कुल क्षेत्र का 29 .95 प्रतिशत भाग में वन है।
राज्य के कुल 23473 वर्ग किमी क्षेत्र में वनो का विस्तार है।
यहाँ के वनो में शुष्क पतझड़ वनो की अधिकता है।
अति संघन वन 2587 वर्ग किमी ,सामान्य संघन वन 9667 वर्ग किमी एवं खुले वन 11219 वर्ग किमी में फैले हुए है।
वनो का सर्वाधिक विस्तार क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से पश्चिम सिंहभूम [सारंडा ,कोल्हान ,पौरहाट और चाईबासा ]में है वनो के प्रतिशत विस्तार में चतरा का प्रथम स्थान है।
मुख़्यत:यहाँ पर तीन प्रकार के वन है जिनका विवरण इस प्रकार है –
1 .शुष्क पतझड़ वन -पलामू ,उत्तरी गढ़वा ,चतरा,कोडरमा ,गिरिडीह ,देवघर ,उत्तरी हजारीबाग प्रमुख वृक्ष – सेमल ,पलाश ,महुआ ,आसन,आँवला,खैर ,हर्रे इत्यादि
2 .आर्द्र प्रायद्वीपीय वन -पूर्व एवं पश्चिम सिंहभूम ,संथाल परगना प्रमुख वृक्ष – साल ,कुसुम ,महुआ इत्यादि
3 .शुष्क प्रायद्वीपीय वन -बोकारो ,धनबाद ,जामताड़ा ,सिमडेगा ,लोहरदगा ,गुमला ,हजारीबाग ,रांची प्रमुख वृक्ष – साल ,आम , कटहल ,जामुन ,गूलर ,अमलतास इत्यादि